1अप्रैल से दो लाख रुपये से अधिक की ज्वैलरी नक़द ख़रीदने पर 1% टैक्स देना होगा। जवैलर्स का कहना है कि इस नये नियम से आभूषण कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उनका कहना है कि नोटबंदी के बाद आभूषण कारोबार अब तक पटरी पर नहीं लौटा है। अब सरकार ने नकदी में आभूषण खरीद की सीमा और तय कर दी इसका कारोबार पर प्रतिकूल असर होगा क्योंकि आभूषण कारोबार के लिहाज से दो लाख रुपए की रकम कोई बड़ी राशि नहीं है।
उधर, जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के एक पदाधिकारी का कहना है कि शायद ही किसी ज्वैलर ने पुराने नियम के तहत अभी तक टीसीएस दिया हो। वहीं, सरकार ने इस साल बजट में 3 लाख रुपए से अधिक कैश लेनदेन पर भी रोक लगाने का प्रावधान किया है। नियम तोड़ने पर कैश लेने वाले पर पूरी रकम पर 100% जुर्माना लगेगा। ज्वैलर्स का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में ग्राहक नकदी में ज्वैलरी खरीदना पसंद करते हैं। इसकी एक वजह यह भी कि कई लोगों के पास बैंक खाते नहीं है। वहीं, ग्रामीण इलाकों के ज्वैलर्स भी नकदी में कारोबार करने को प्राथमिकता देते हैं।
ज्वैलरी की कुल बिक्री में 2 लाख रु. से ज्यादा कीमत वाली करीब 40% होती है। इनकी बिक्री घट सकती है। 30 हजार रु. प्रति 10 ग्राम के हिसाब से 65 ग्राम से ज्यादा की ज्वैलरी बिक्री पर असर होगा। ज्वैलर्स इससे ज्यादा वजन वाले गहने पहले से बनाकर नहीं रखेंगे, बल्कि ऑर्डर पर ही बनाएंगे।